विभिन्न क्षेत्रों का विश्लेषण: ज्योतिष

ज्योतिष में,कुंडली के माध्यम से काल सर्प योग निवारण,
करियर,धन,स्वास्थ्य, मानसिक शांति, शिक्षा,प्रेम, विवाह, संतान,और भाग्य फलित ज्योतिष, कुंडली निर्माण, विवेचन जैसे विभिन्न क्षेत्रों का विश्लेषण किया जाता है।
उदाहरण के लिए:-


प्रथम भाव
व्यक्ति के स्वभाव और शरीर को दर्शाता है।
द्वितीय भाव
धन,परिवार और वाणी को दर्शाता है।
तृतीय भाव
साहस,पराक्रम और भाई-बहन को दर्शाता है।
चतुर्थ भाव
माता, सुख, वाहन और संपत्ति को दर्शाता है।
पंचम भाव
संतान, बुद्धि और शिक्षा को दर्शाता है।
षष्ठम भाव
शत्रु, रोग और ऋण को दर्शाता है.
सप्तम भाव
विवाह, जीवनसाथी और पार्टनर को दर्शाता है।
अष्टम भाव
आयु, खतरा और दुर्घटना को दर्शाता है।
नवम भाव
भाग्य, पिता और धर्म को दर्शाता है।
दशम भाव
कर्म, व्यवसाय और पद को दर्शाता है।
एकादश भाव
लाभ और इच्छाओं की पूर्ति को दर्शाता है।
द्वादश भाव
खर्चा, नुकसान और मोक्ष को दर्शाता है।
रत्नाकर ज्योतिष संस्थान


ज्योतिषरत्न वास्तुरत्न विशेषज्ञ
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