लहसुनिया (Cat’s Eye / Lehsuniya) रत्न

लहसुनिया (Cat’s Eye / Lehsuniya) रत्न को वैदिक ज्योतिष में केतु ग्रह से संबंधित माना गया है। केतु अध्यात्म, मोक्ष, तंत्र-मंत्र, अचानक होने वाली घटनाएँ, परलोक, दुर्घटना और गूढ़ विद्या का कारक ग्रह है। लहसुनिया बहुत ही तेज़ और प्रभावशाली रत्न माना जाता है, इसलिए इसे विशेष परिस्थितियों में ही धारण करना चाहिए।

लहसुनिया धारण करने के लाभ

  • केतु दोष निवारण – केतु की महादशा-अंतर्दशा या केतु से संबंधित अशुभ प्रभाव को कम करता है।
  • दुर्घटनाओं और संकट से रक्षा – अचानक होने वाली दुर्घटनाओं, शत्रु बाधाओं और गुप्त संकटों से सुरक्षा देता है।
  • तंत्र-मंत्र और गूढ़ विद्या में सफलता – साधना, तांत्रिक क्रियाएँ और आध्यात्मिक उन्नति में सहायक।
  • धन और व्यापार में स्थिरता – अचानक धनहानि से बचाता है और आय में स्थिरता लाता है।
  • आध्यात्मिक उन्नति और मोक्ष मार्ग – वैराग्य, भक्ति, साधना और अध्यात्म की ओर झुकाव बढ़ाता है।
  • रोग निवारण – त्वचा रोग, एलर्जी, आँखों की समस्या और मानसिक अस्थिरता में लाभकारी।
  • नकारात्मक शक्तियों से रक्षा – भूत-प्रेत बाधा, नज़र दोष और तांत्रिक प्रभावों से सुरक्षा करता है।
  • निर्णय क्षमता और एकाग्रता – दिमाग को स्थिर करता है और कठिन परिस्थितियों में सही निर्णय लेने में मदद करता है।

सावधानियाँ

  • लहसुनिया अत्यंत शक्तिशाली रत्न है, इसलिए इसे धारण करने से पहले कुंडली में केतु की स्थिति का गहन विश्लेषण ज़रूरी है।
  • गलत धारण करने पर यह भय, मानसिक तनाव, दुर्घटनाएँ और बाधाएँ भी उत्पन्न कर सकता है।
  • इसे प्रायः मंगलवार या शनिवार को, चांदी या पंचधातु की अंगूठी में धारण किया जाता है।