गौरी-शंकर रुद्राक्ष (Gauri-Shankar Rudraksha) हिन्दू धर्म और ज्योतिष में एक अत्यंत शुभ और शक्ति देने वाला रुद्राक्ष माना जाता है। यह रुद्राक्ष शिव और पार्वती दोनों की संयुक्त ऊर्जा का प्रतीक है। इसलिए इसे धारण करने से व्यक्ति के जीवन में सौभाग्य, सफलता, मानसिक संतुलन और आध्यात्मिक उन्नति आती है।
गौरी-शंकर रुद्राक्ष धारण करने के लाभ
- दांपत्य जीवन में सामंजस्य – पति-पत्नी के बीच प्रेम, विश्वास और सामंजस्य बनाए रखता है।
- सौभाग्य और यश-प्रतिष्ठा – समाज में सम्मान, मान-सम्मान और यश की प्राप्ति होती है।
- धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति – साधना, ध्यान और आध्यात्मिक क्रियाओं में शक्ति और एकाग्रता बढ़ती है।
- सकारात्मक ऊर्जा और मानसिक शांति – तनाव, क्रोध और नकारात्मक विचारों को कम करता है।
- व्यापार और करियर में लाभ – नौकरी, व्यवसाय या करियर में सफलता और वित्तीय स्थिरता मिलती है।
- शत्रु से सुरक्षा – शत्रुओं, विरोधियों और बुरी शक्तियों से रक्षा करता है।
- स्वास्थ्य लाभ – हृदय, मानसिक स्वास्थ्य और थकान/तनाव संबंधी समस्याओं में राहत।
- संतान सुख – संतान प्राप्ति और संतान के कल्याण में सहायक।
सावधानियाँ
- इसे हमेशा शुद्ध और प्रमाणित गौरी-शंकर रुद्राक्ष ही धारण करें।
- इसे सोमवार या सोमवार के व्रत वाले दिन, शिव-पार्वती मंत्र जाप के साथ धारण करना श्रेष्ठ माना जाता है।
- रुद्राक्ष को हमेशा साफ और पवित्र स्थान पर रखें, और समय-समय पर जल या दूध से शुद्ध करते रहें।
